स्तब्ध मां भारती की आज है धरा एवं गगन, लता के रूप में खोया है आज एक रतन। स्तब्ध मां भारती की आज है धरा एवं गगन, लता के रूप में खोया है आज एक रतन।
अपना परचम लहरा आई हो। नारी हो, नारी का मान बढ़ाई हो। अपना परचम लहरा आई हो। नारी हो, नारी का मान बढ़ाई हो।
क्योंकि औरत की अक्ल घुटनों में होती हैं। क्योंकि औरत की अक्ल घुटनों में होती हैं।
वे चुनाव क्षेत्र की ओर दौड़े जा रहे हैं। वे चुनाव क्षेत्र की ओर दौड़े जा रहे हैं।
दूसरों को हंसाने में जो आनंद है, वह आज और कहां। दूसरों को हंसाने में जो आनंद है, वह आज और कहां।
संगीत बजता रहा, जीवन की हर लय पर, वक़्त की लय पर जीवन थिरकता रहे संगीत बजता रहा, जीवन की हर लय पर, वक़्त की लय पर जीवन थिरकता रहे